उत्तराखंड

पिथौरागढ़ः 180 से अधिक गांवों में आदमखोर गुलदार की दहशत, 12 शिकार के बाद घरों में कैद हुए लोग

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वन विभाग के एसडीओ नवीन पंत भी मान रहे हैं कि गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. (सांकेतिक फोटो)

वन विभाग के एसडीओ नवीन पंत भी मान रहे हैं कि गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. (सांकेतिक फोटो)

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पिछले एक साल के दौरान आदमखोर गुलदार की वजह से 12 लोगों की मौत के बाद फैली दहशत. गुलदार के खतरनाक हमलों को रोक पाने में नाकाम रहा है वन विभाग.

पिथौरागढ़. आमतौर पर पहाड़ों में बरसात के सीजन में गुलदार (Guldar) हमलावर होता था. लेकिन इस बार साल भर गुलदारों के हमले इंसानों पर हो रहे हैं. सीमांत जनपद पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में तो इस बार गुलदार इंसानी जिंदगी पर इस कदर भारी पड़ गया है कि उसे रोक पाना वन विभाग के हाथ में नहीं है. आलम ये है कि शिकारी एक आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतार रहे हैं तो उसकी जगह दूसरा गुलदार लोगों पर हमलावर हो रहा है.

हालात ये हो गए हैं कि लोग गुलदार के खौफ से घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. पिथौरागढ़ के 180 से अधिक गांवों में गुलदार का खौफ देखने को मिल रहा है. यही नहीं मुख्यालय से सटे इलाकों में भी कई आदमखोर गुलदार घूम रहे हैं. बीते साल की बरसात से अब तक जिले में गुलदारों ने 12 लोगों को मौत की घाट उतार दिया है. जबकि 2 दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है. बीते दिनों बजेत गांव में गुलदार ने एक महिला पर इतना खतरनाक हमला किया कि महिला का सिर और घड़ अलग हो गए. वन विभाग ने बीते 6 महीनों में शिकारियों की मदद से 6 गुलदारों को मार गिराया है. बावजूद इसके हमले रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

आतंक से मुक्ति नहीं दिला पा रहा है
माना जा रहा है कि बीते कुछ सालों में पुलिस और वन विभाग की सख्ती के कारण गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. लेकिन जंगलों में गुलदारों को भोजन नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण वो इंसानों को निवाला बना रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, मुख्यालय के 10 किलोमीटर के दायरे में 30 से अधिक गुलदार सक्रिय हैं. गुलदारों के खौफ से लोगों का वन विभाग के खिलाफ गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है. देवलथल निवासी जगदीश कुमार का कहना है कि उनके क्षेत्र में गुलदारों लगातार लोगों को अपना निवाला बना रहा है, लेकिन वन विभाग ग्रामीणों को गुलदार के आतंक से मुक्ति नहीं दिला पा रहा है.आदमखोर घोषित हो चुके गुलदारों को मारा भी जा रहा है
वन विभाग के एसडीओ नवीन पंत भी मान रहे हैं कि गुलदारों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. जिस कारण इंसानों के लिए खतरा पैदा हो गया है. जबकि डीएफओ विनय भार्गव का कहना है कि जहां भी गुलदार इंसानों पर हमला कर रहा है, उनके कर्मचारियों की वहां तैनाती की जा रही है. यही नहीं शिकारियों की मदद से आदमखोर घोषित हो चुके गुलदारों को मारा भी जा रहा है.






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