देहरादून: पभोक्ता खाद्य मंत्रालय में खुद को केंद्रीय राज्य मंत्री बताकर लगाया 15 लाख का चुना, केस दर्ज
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कौशल कुमार की पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति भी कई बार उनके घर आए और विश्वास दिलाते हुए षड्यंत्र के तहत पूरी रकम देने का दबाव बनाया.
कौशल कुमार (Kaushal Kumar) ने उनको बताया कि वह हरिद्वार के ही रहने वाले हैं. कई फैक्ट्रियों के मालिक हैं और उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय में भारत सरकार की ओर से राज्यमंत्री है.
जिसपर आरोप है कि कोशल कुमार ने अवनीश कौशिक से कहा कि वह उनको उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से सलाहकार सदस्य बनवा सकता है. और इस काम में पन्द्रह लाख रुपये का खर्चा बताया. जिसपर पीड़ित ने 18 जुलाई 2019 को पांच लाख रुपये और दिए. और फिर छह जनवरी 2020 को पांच लाख रुपये लेने के बाद विभाग के लेटर हैड पर रसीद तैयार कर दी गई. अवनीश कौशिक ने बताया कि उनका बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर का काम है. राजनीति से उनका कोई वास्ता नहीं रहा है. कौशल कुमार ने कई मंत्रियों से भी करीबी होते उन्हें मिलवाया. कौशल कुमार की पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति भी कई बार उनके घर आए और विश्वास दिलाते हुए षड्यंत्र के तहत पूरी रकम देने का दबाव बनाया.
मुकदमा हरिद्वार में दर्ज किया गया है
सदस्यता के बारे में पूछा गया तो फाइल विभाग में होने की बात कही गई. न तो विभाग की सदस्यता दिलाई गई और न ही रकम वापस की जा रही है. पैसा मांगने पर धमकाते हुए अपनी पावर का हवाला देते कर झूठे मुकदमा दर्ज करवाने की बात कह रहा है. बताया गया है कि आरोपी के खिलाफ हरिद्वार में कई फर्जीवाड़े व चेक बाउंसिंग के मुकदमे चल रहे हैं. अवनीश कौशिक की ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब थाने से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़ित कोर्ट की शरण में जाकर कोर्ट से 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज करवाया. साथ ही पीड़ित का कहना है कि आरोपी पक्ष ने उनपर व उनके भाई रजनीश कौशिक के खिलाफ कौशल कुमार ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं, मामले में एसपी सिटी सरिता डोभाल का कहना है कि मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच शुरू हो गयी है. लेकिन मामले में एक ओर मुकदमा हरिद्वार में दर्ज किया गया है, जिसकी जांच चल रही है.
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