उत्तराखंड

देहरादून: अमेरिकी नागरिक से फर्जी वायरस के नाम पर ठगी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार

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कार्रवाई के दौरान टीम ने साइबर ठगी के मुख्य आरोपी अर्जुन सिंह को महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया.

कार्रवाई के दौरान टीम ने साइबर ठगी के मुख्य आरोपी अर्जुन सिंह को महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया.

देहरादून में A. D.Builders के नाम से आईटी पार्क के पास चल रहे प्रोपेर्टी डीलर के ऑफिस में पूरा साइबर ठगी का धंधा चल रहा था.

देहरादून. अमेरिकी नागरिकों (American citizens) के उपकरणों में फ़र्ज़ी वायरस डाल कर इससे बचाने के नाम पर ठगी करने वाले मास्टर माइंड को उत्तराखंड की स्पेशल टास्क पुलिस (Special Task Police) ने देहरादून से गिरफ्तार (Arrested) किया. साथ ही आरोपी का एक साथी आज भी फरार हैं, जिसकी तलास में पुलिस जुटी है. बताया जा रहा है कि आरोपी अर्जुन ने बीते एक साल में अमेरिका के 1 हजार से ज्यादा लोगों से फ्रॉड कर करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है, जिसका पूरा डेटाबेस STF के पास मौजूद है.

दरअसल, देहरादून में A. D.Builders के नाम से आईटी पार्क के पास चल रहे प्रोपेर्टी डीलर के ऑफिस में पूरा साइबर ठगी का धंधा चल रहा था. जिसकी सूचना पर stf ने देर रात कार्रवाई की. कार्रवाई के दौरान टीम ने साइबर ठगी के मुख्य आरोपी अर्जुन सिंह को महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया. और अभी भी आरोपी का एक साथी दिलीप कुमार फरार चल रहा है जिसकी तलास लगातार जारी है. वहीं, एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने जाकारी देते हुए बताया कि आरोपी अर्जुन सिंह ने  पूछताछ में बताया कि पहले वो एक गिरोह के साथ काम करता था लेकिन गिरोह का मास्टरमाइंड निपुण गंधोक के अरेस्ट के बाद वो और उसके साथी देश के अलग- अलग जगह से काम करने लगे.

आरोपी अर्जुन का हिस्सा विदेश से भेजता था
आरोपी के पास एक वर्चुअल नम्बर द रियल पीबी एक्स कम्पनी के नाम से लिया गया है. जिसको Microsoft Support System के प्रतिनिधि के रूप में काम करने के लिये लिया था. अभियुक्त का एक साथी निपुन गन्धोक जो कि अमेरिका में रह रहा था उसके साथ मिलकर 2 वर्ष पूर्व विदेशी व्यक्तियों को माईक्रोसाफट कम्पनी से सम्बन्धित होना बताकर वर्चुअल नम्बर के माध्यम से सम्पर्क कर उनके कम्पयूटर से वायरस हटाने की बात कह कर धोखाधडी करता था.  इस काम के लिये जो पैसा निपुन के पास आता था उसमें आरोपी अर्जुन का हिस्सा विदेश से भेजता था. उसी समय के आसपास अमेरिका की पुलिस ने निपुन को गिरफतार कर लिया था. और उसके बाद अभियुक्त ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ये काम करना शुरू कर दिया था.  ये लड़के अभियुक्त को अमेरिकन विदेशी कस्टमर के नम्बर भेजते थे जिनको अभियुक्त अपने लैपटाप में साफटवेयर के माध्यम से डील करता था. और उनसे विभिन्न कम्पनियों जैसे एच0पी0, डैल, कैनन, लैक्समार्क के टेकशीयन के नाम से सर्विस प्रोवाईडर के रूप में पैसे प्राप्त करता था.





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