तीरथ सिंह रावत के कैबिनेट में कौन-कौन से चेहरे होंगे शामिल, जानें संभावित मंत्रियों की सियासी कुंडली
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उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के कैबिनेट का विस्तार आज यानी शुक्रवार शाम को पांच बजे होगा. इसकी सूचना राजभवन को दे दी गई है. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले त्रिवेंद्र सरकार में सबसे ज्यादा पावरफुल मंत्री रहे मदन कौशिश की छुट्टी हो गई है. पार्टी ने उन्हें प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष रहे और बंशीधर को मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. बताया जा रहा है कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है और अगर ऐसा होता है तो यह उत्तराखंड की राजनीति 20 साल में पहली बार किसी को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा.
बंशीधर भगत
छह बार के विधायक बंशीधर भगत इस समय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल की कालाढूंगी विधानसभा से विधायक हैं। भगत को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर मदन मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष का प्रभार दिया गया है. अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. हालांकि भगत इससे पहले उत्तर-प्रदेश और फिर उत्तराखंड की पहली सरकार और बाद में खंडूरी सरकार में भी मंत्री रहे. भगत के प्रदेश अध्यक्ष रहते उनके विवादित बोल खासे चर्चा में रहे हैं. माना जा रहा है कि पार्टी भगत को मंत्री बना अध्यक्ष पद से उनकी सम्मान जनक विदाई की है.बिशन सिंह चुफाल
बिशन सिंह चुफाल पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से विधायक हैं. पांच बार के विधायक चुफाल पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में चुफाल मंत्री नहीं बन पाए, लेकिन बदले हुए सियासी समीकरणों में चुफाल की वरिष्ठता को देखते हुए उनके मंत्री बनने की चर्चा तेज है.
मुन्ना सिंह चौहान
मुन्ना सिंह चौहान बीजेपी के तेजतर्रार विधायक हैं. वह चार बार के विधायक हैं. देहारादून के विकासनगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान को पार्टी का विद्वान नेता माना जाता है. फिलहाल वह प्रदेश बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता हैं. तीरथ सिंह रावत सरकार में उनके मंत्री बनने की चर्चा जोर पकड़े हुए है.
अरविंद पांडे
संघ पृष्ठभूमि के अरविंद पांडे बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं. ऊधम सिंह नगर की गदरपुर सीट से विधायक अरविंद पांडे त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में शिक्षा और खेल मंत्री रहे. तराई में मजबूत पकड़ और संघ के पुरानी जड़ों के कारण उनका तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है.
हरक सिंह रावत
वर्तमान में कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. हरक सिंह पूर्व की कांग्रेस सरकारों में भी मंत्री रहे हैं. साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वन, श्रम के साथ ही आयुष विभाग के भी मंत्री रहे. श्रम विभाग में कामकाज को लेकर वो विवादों में भी रहे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री रहते वो कभी भी संतुष्ट नहीं रहे. आरोप लगे कि उन्हीं के विभाग के अधिकारी उनकी अनदेखी कर रहे हैं.
सुबोध उनियाल
टिहरी की नरेंद्र नगर सीट से विधायक सुबोध उनियाल साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. बीजेपी के जीतने वाले 57 विधायकों में से एक उनियाल भी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में वो कृषि मंत्री रह चुके हैं. मंत्री रहते हुए उनके त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ अच्छे संबंध रहे. उनियाल के भी दोबारा मंत्री बनने की चर्चा तेज है.
यशपाल आर्या
ऊधम सिंह नगर के बाजपुर से विधायक यशपाल आर्या कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. दलित पृष्ठभूमि से आने वाले यशपाल आर्या पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री भी रहे. बीजेपी में शामिल होने के बाद 2017 में बनी त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें परिवहन और समाजकल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया. हालांकि इस सरकार में यशपाल आर्या कटे-कटे से रहे. उनके विभाग के अधिकारी भी उनकी नहीं सुनते थे. यशपाल आर्या सरकार में ज्यादा तवज्जो न मिलने से परेशान भी रहे, लेकिन दलित पृष्ठभूमि में होने के कारण तीरथ कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा गर्म है.
सतपाल महाराज
सतपाल महाराज उत्तराखंड के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले ही सतपाल महाराज से कांग्रेस सांसद रहते हुए पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. महाराज इस समय पौड़ी की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से विधायक हैं और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में सिंचाई और पर्यटन मंत्री रहे. हालांकि त्रिवेंद्र सरकार में उनकी हैसियत नंबर दो की थी, लेकिन उनकी त्रिवेंद्र सिंह से खटास रही. त्रिवेंद्र के हटने के बाद महाराज का नाम मुख्यमंत्री की रेस में भी रहा, लेकिन तीरथ सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया गया. उम्मीद है कि तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार में महाराज को अहम पोर्टफोलियों दिया जा सकता है.
धन सिंह रावत
श्रीनगर से बीजेपी विधायक धन सिंह रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से आए नेता हैं. बीजेपी में आने से पहले वो बीजेपी के संगठन महामंत्री रह चुके हैं. धन सिंह रावत वैसे तो त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्यमंत्री थे, लेकिन उनका जलवा कैबिनेट मंत्रियों से भी ज्यादा था. संघ में मजबूत पकड़ और लगातार दौड़ने-भागने वाले धन सिंह रावत का तीरथ सिंह रावत सरकार में मंत्री बनना तय माना जा रहा है.
रेखा आर्या
कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस में रहीं रेखा आर्या अल्मोड़ा की सोमेश्वर विधानसभा से विधायक हैं. त्रिवेंद्र सिंह सरकार में रेख आर्या पशुपालन और महिला कल्याण विभाग की राज्यमंत्री रहीं. इस दौरान उनके अधिकारियों के साथ हुए विवादों ने सरकार की बहुत किरकिरी की, लेकिन दलित और महिला चेहरा होने के कारण रेखा आर्य का नाम तीरथ सिंह सरकार के बनने वाले मंत्रियों की रेस में शामिल है.
महेंद्र भट्ट
महेंद्र भट्ट बीजेपी के युवा विधायकों में से एक हैं. चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा से विधायक महेंद्र भट्ट बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही पार्टी की मेन बॉडी में भी पदाधिकारी रहे हैं. भट्ट तीरथ सिंह रावत के लिए उपचुनाव में अपनी सीट खाली करने का भी दावा कर चुके हैं. गढ़वाल के ब्राह्मण चेहरे होने की वजह है भट्ट का मंत्री मंडल में शामिल होने वाले विधायकों की लिस्ट में नाम चल रहा है.
ऋतु खंडूरी
पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर विधानसभा से विधायक ऋतु खंडूरी पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी हैं. वो बीजेपी महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष हैं. महिला और ब्राह्मण चेहरा होने की वजह से ऋतु खंडूरी राम नाम मंत्री बनने वालों की रेस में शामिल हैं.
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