उत्तराखंड

डॉक्टरों ने चेताया- बहुत घातक है कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस, सीधे फेफड़ों पर कर रहा हमला

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उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नया कोरोना गाइडलाइन जारी किया है (न्यूज़ 18 ग्राफिक्स)

उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नया कोरोना गाइडलाइन जारी किया है (न्यूज़ 18 ग्राफिक्स)

Uttarakhand Corona Alert: उत्तराखंड में किए गए सर्वे में दस फीसदी केसों में म्यूटेंट वायरस पाया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक डबल म्यूटेंट वायरस होने के कारण इसकी स्प्रेडिंग पावर पहले से कहीं ज्यादा है. यह वायरस गले से सीधे फेफड़ों पर हमला कर रहा है.

देहरादून. कोरोना महामारी से बचने के लिए यदि आप तरीके से मास्क नहीं पहन रहे हैं. लक्षण आने के बावजूद अपना टेस्ट नहीं करा रहे हैं और कोरोना को हंसी मजाक में ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए. ये कोरोना का म्यूटेंट वायरस है, जो पहले से भी कई गुना खतरनाक है. उत्तराखंड में किए गए सर्वे में दस फीसदी केसों में म्यूटेंट वायरस पाया गया था. डबल म्यूटेंट वायरस होने के कारण इसकी स्प्रेडिंग पॉवर पहले से कहीं ज्यादा है.

कोरोना की सेकंड वेब से देश के कई राज्यों की तरह उत्तराखंड भी पस्त है. इसका बड़ा कारण है कोरोना का नया स्ट्रेन. जनवरी, फरवरी, मार्च में उत्तराखंड में किए गए सर्वे में दस फीसदी केसों में म्यूटेंट वायरस पाया गया था. दून मेडिकल कॉलेज के कोविड के नोडल डॉ. अनुराग अग्रवाल ने न्यूज 18 को बताया कि डबल म्यूटेंट वायरस होने के कारण इसकी स्प्रेडिंग पॉवर पहले से कहीं ज्यादा है. मॉस लेवल पर एक साथ कोविड पॉजीटिव केस इसी का नतीजा हैं.

डबल म्यूटेंट वायरस होने के कारण ये यंगस्टर्स को भी तेजी के साथ संक्रमित कर रहा है. ये गले से उतरकर सीधे फेफडों पर अटैक कर रहा है. यानि कि हो सकता है आपके गले में कोई दर्द न हो, लेकिन आपके फेफडें संक्रमित हो चुके हों. डॉ का कहना है कि ये भी एक कारण है कि ये आरटीपीसीआर टेस्ट में भी पहले की अपेक्षा कम पकड़ में आ रहा है. आरटीपीसीआर में अब 40 फीसदी तक टेस्ट रिपोर्ट फाल्स भी आ रही हैं. गनीमत इतनी है कि दवाइयां अब भी वही काम कर रही हैं, जो हम शुरुआती दौर से पेशेंट को दे रहे थे.

लक्षण की बात करें तो इस बहुरूपिए वायरस ने अपने लक्षण भी बदल दिए हैं. डा. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि पहले की अपेक्षा बुखार आपको ज्यादा लंबे समय तक और ज्यादा तेज आ सकता है. उल्टी, दस्त और ज्वाइंट पेन की शिकायत हो सकती है. यहां तक कि चक्कर भी आ सकते हैं. पहले वायरस संक्रमित व्यक्ति में 7 से दस दिन में न्यूमोनिया के लक्षण दिखते थे, लेकिन अब तीन से चार दिन के भीतर संक्रमित को न्यूमोनिया पकड़ जा रहा है. कुल मिलाकर वायरस की इंटेंसिटी बड़ी है. डॉ. अग्रवाल का कहना है कि वायरस के इस बदले रूप से सावधान रहने की जरूरत है. मॉस्क प्रोपर पहना हुआ होना चाहिए. हो सके तो डबल मॉस्क पहनें.





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