उत्तराखंड

जंगलों में आग से खतरे में पर्यावरण और वन्यप्राणी, चौकन्ना रहने का वक्त

[ad_1]

एमपी, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों के जंगलों में आग से पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ीं.

एमपी, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों के जंगलों में आग से पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ीं.

Fire in Forests: मध्य प्रदेश हो या छ्त्तीसगढ़, झारखंड या उत्तराखंड, कोई राज्य अछूता नहीं रह गया है, जहां के जंगलों में आग न लगी हो. आग लगने की घटनाएं एक या दो दर्जन नहीं, बल्कि सैकड़ों, हजारों की संख्या में हो रही हैं. यह पूरे देश के वन विभाग के लिए अलर्ट मोड पर रहने का वक्त है.

भोपाल. यह पूरे देश के वन विभाग के लिए अलर्ट मोड पर रहने का वक्त है, क्योंकि गर्मियों का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेज हो गई है. मध्य प्रदेश हो या छ्त्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा हो या उत्तराखंड, कोई राज्य इससे अछूता नहीं रह गया है. आग लगने की घटनाएं एक या दो दर्जन नहीं, बल्कि सैकड़ों, हजारों की संख्या में हो रही हैं. पिछले तीन दिन से मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा बाघों वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के 7 वन क्षेत्र आग से धधक रहे हैं. जंगल में एक नहीं, बल्कि कई जगहों पर आग लगी हुई है. इस आग से पेड़ पौधों के जलने से पर्यावरण, वन्यप्राणियों को भारी नुकसान की आशंका है.

वन विभाग का अमला टैंकरों से आग बुझाने की कोशिशों में लगा है. हालात कितने गंभीर है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बांधवगढ़ में मंगलवार को बड़ी संख्या में हिरण, चीतल जैसे वन्य प्राणी अपनी जान बचाने भागते हुए देखे गए हैं. बांधवगढ़ में पर्यटन फिलहाल रोक दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आपात बैठक बुलाकर जंगलों की आग की समीक्षा के साथ ही अफसरों को खास हिदायत दी है कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होना चाहिए. बुधवार को मुख्यमंत्री के साथ अफसरों की बैठक करीब एक घंटे तक चली थी, जिसमें यह बात सामने आई थी कि आग बुझाने के तमाम प्रयास फेल होने के बाद पार्क में पर्यटन रोक दिया गया है. बता दें कि एक हफ्ते पहले पन्ना टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट भी आग से झुलस चुका है. देवास के जंगलों की अलग-अलग बीटों में आग लगने की कई खबरें सामने आ रही हैं.

बांधवगढ़ में दो साल पहले भी लगी थी भयावह आग

आगे पढ़ें





[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *