चीन और नेपाल बॉर्डर जोड़ने वाला इकलौत NH-125 हुआ बंद, सैकड़ों यात्री फंसे, भूख-प्यास से हुआ बुरा हाल
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चीन और नेपाल बॉर्डर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला एनएच 125 भारी लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गया है
Uttarakhand News: पिथौरागढ़ में प्री-मानसून बारिश ने ऑलवेदर रोड की पोल खोल दी है. हालात ये है कि 150 किलोमीटर का एनएच दर्जनों जगह बंद पड़े है. अहम हाईवे में सैकड़ों लोग भूखे-प्यासे फंसे हुए हैं.
पिथौरागढ़. चीन और नेपाल बॉर्डर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला एनएच 125 भारी लैंडस्लाइड के कारण बंद हो गया है. नेशनल हाइवे (एनएच) में जगह-जगह इस कदर भारी मलवा गिरा है कि इसे खोलने में खासा वक्त लग सकता है. बॉर्डर को जोड़ने वाले हाईवे के बंद होने से सैकड़ों लोग जहां-तहां फंसे भी हैं.
प्री-मानसून बारिश ने ऑलवेदर रोड की पोल खोल दी है. हालात ये है कि 150 किलोमीटर का एनएच दर्जनों जगह बंद पड़े है. अहम हाईवे में सैकड़ों लोग भूखे-प्यासे फंसे हुए हैं. बॉर्डर को जोड़ने वाले इकलौते एनएच में हर तरफ आफत के पहाड़ दरके हैं. दरकते पहाड़ों ने चमचमाते एनएच को भारी बोल्डर्स और मलवे से पाट दिया है. चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाले एनएच के बंद होने से सबकुछ ठप सा हो गया है.
हालात ये हैं कि लैंडस्लाइड के बाद जो जहां था वहीं कैद है. एनएच में सफर कर रहे भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि 6 घंटे से वे चुपकोट बैंड के पास फंसे हैं. उन्हें महाराष्ट्र जाना है. ट्रेन में टिकट भी बुक कराई है, लेकिन एनएच बंद होने से उनका सारा प्लान धरा रह गया. अन्य यात्री विकास शर्मा का कहना है कि उन्हें दिल्ली जाना था, लेकिन लैंडस्लाइड से उन्हें एक जगह कैद कर दिया है. भूखे-प्यासे जंगल के बीच हाईवे में रास्ता खुलने का इंतजार करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नही है.
एनएच में फंसे कुछ यात्री तो पैदल ही सुरक्षित ठिकानों को निकल पड़े हैं, लेकिन दिक्कत उन लोगों को अधिक हो रही है, जिनके पास कोई रास्ता नहीं है. प्राइवेट वाहनों से आ-जा रहे लोगों के पास भी कोई चारा नजर नहीं आता. हजारों की आबादी भले ही परेशान हो, लेकिन एनएचएआई अभी भी परमानेंट समाधान नहीं तलाश रहा है. एनएच को ऑलवेदर रोड में तब्दील करने के दौरान दर्जनों ऐसे प्रोन एरिया तैयार हो गए हैं, जो आए दिन हाईवे की रफ्तार पर लगाम लगा रहे हैं.एनएचएआई के सहायक अधिशासी अभियंता दिनेश गिरीराज ने बताया कि उनके क्षेत्र में 6 से अधिक स्थानों पर भारी मलवा आया है. मशीनों के जरिए मलवा हटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ एरिया ऐसे भी जहां मलवा हटाते ही पहाड़ी से और मलवा गिर रहा है.
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