चमोली त्रासदी: रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, टनल में फंसे लोगों तक पहुंचने का मार्ग अभी भी अवरुद्ध– News18 Hindi
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इसके अलावा थर्मल स्कैनिंग या फिर लेजर स्कैनिंग के जरिए तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर फंसे कर्मचारियों के होने की कुछ जानकारियां भी एसडीआरएफ को मिल पाएंगी. कई तकनीकों के जरिये चमोली तपोवन में ब्लॉक टनल के अंदर पहुंचने का काम किया जा रहा है. एसडीआरएफ-एनडीआरएफ, आर्मी, आईटीबीपी और उत्तराखंड पुलिस के जवान जिंदगी बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने में लगे हुए हैं. खबर लिखे जाने तक 9 शवों की शिनाख्त हो चुकी थी. दो उत्तर प्रदेश के और दो पुलिस के जवान शामिल हैं. अब तक 34 लोगों के शव मिल चुके हैं जबकि लापता 173 लोगों में से 2 लोग जिंदा सकुशल मिल गए हैं.
रेस्क्यू को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है की टनल में पहले सिर्फ मलबा आ रहा था. अब बोल्डर्स आने भी शुरू हुए हैं. ऐसे में टनल की खुलने की उम्मीद ज्यादा बन जाती है. इसके साथ ही ड्रिल करके टनल के अंदर की स्थिति को देखने पर भी विचार चल रहा है.
देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम में लगातार मॉनिटरिंग का काम किया जा रहा है. टनल में फंसे लोगों को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम के साथ को-आर्डिनेशन किया रहा है. सुबह देहरादून में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सुबह मीटिंग ली. इसमें डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव डीजीपी डीआईजी एसडीआरएफ
पेयजल के अलावा स्वास्थ्य सचिव, डायरेक्टर भी शामिल रहे. आगे लोगों को किस तरीके से राहत सामग्री पहुंचाई जा सके, इसको लेकर मीटिंग में बातचीत की गई.
चमोली त्रासदी के बाद अभी भी 13 गांव ऐसे हैं, जहां से संपर्क कटा हुआ है. पेयजल और बिजली पिछले 4 दिनों से इन इलाकों में नहीं है. लोगों के सामने संकट गहराया हुआ है. अब इसको लेकर ऊर्जा विभाग भी मशक्कत में लगा हुआ है. इन इलाकों में सोलर लाइट की व्यवस्था की जा रही है. टीम देहरादून से
भेजी जाएगी.
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