कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होने के बाद ही उत्तराखंड में मिलेगी एंट्री, इन राज्यों के लोगों की बढ़ेगी मुश्किल
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कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होने के बाद ही उत्तराखंड में मिलेगी एंट्री.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना संक्रमित राज्यों से आने वाले यात्रियों पर उत्तराखंड जाने पर रोक लग सकती है. उत्तराखंड सरकार ऐसे राज्यों को चिन्हित कर रही है जहां कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. इन राज्यों के लोगों को बिना निगेटिव रिपोर्ट के राज्य में एंट्री नहीं देने की तैयारी कर ली है.
मुख्यमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को पहली बार वर्चुअली मीडिया से रूबरू हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ऐसे राज्यों से आने वाले यात्रियों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट चेक करने के बाद ही बॉर्डर पर उनको एंट्री दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने बेबाकी के साथ अपनी बात रखी और मीडिया के सवालों का भी जवाब दिया. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इन दिनों आइसोलेशन में है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के मध्य नजर हरिद्वार से लगे सभी बॉर्डर इलाकों पर कोविड सेंटर बना दिए गए हैं. जहां पर बड़ी मात्रा में मॉस्क और सैनिटाइजर रखे गए हैं. मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले बढऩे लगे हैं. पिछले 48 घंटे में उत्तराखंड में 400 नए केस सामने आए हैं . बढ़ते मामलों को देख सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए काम कर रही है. मेरी सरकार की प्राथमिकताएं स्वास्थ्य, शिक्षा और सडक़ों को दुरुस्त करने के साथ ही पलायन को रोकने की दिशा में भी काम करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आइसोलेशन में रहने के बावजूद भी सभी विभागों से फीडबैक ले रहा हूं. कोविड-19 मैनेजमेंट मेरे लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर से बेहतर बनाया जा रहा है.मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हर जिले में एक-एक मेडिकल कॉलेज खुलेगा. रुद्रपुर, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेजों पर काम शुरू कर दिया गया है. अगले 3 साल में ये मेडिकल कॉलेज काम करना भी शुरू कर देंगे. उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में डॉक्टर की कमी को देखते हुए 403 डॉक्टर्स की नियुक्ति के आदेश कर दिए गए हैं. मेडिकल कॉलेजों में 121 प्रोफेसरों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही 2600 नर्सों की भर्ती प्रक्रिया को भी तत्काल शुरू करने को कह दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ के मद्देनजर उन्होंने पहले से अधिक बसों की संख्या बढ़ाई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बॉर्डर पर बसे तैनात रहेंगी, ताकि महाकुंभ से जाने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतें न हों और महाकुंभ में भीड़ को मैनिज किया जा सके.
गैरसैंण कमिश्नरी का शासनादेश जारी नहीं
बहुचर्चित गैरसैंण कमिश्नरी के सवाल पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण कमिश्नरी का अभी शासनादेश जारी नहीं किया गया है, उसे फिलहाल रोक दिया गया है. मैं इस पर विचार कर रहा हूं. जनता की जैसी भावनाएं होंगी, वही किया जाएगा. पद से हटने से 3 दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की थी और इस घोषणा के साथ ही इसका जबरदस्त विरोध भी शुरू होने लगा था. इस बीच सत्ता परिवर्तन हुआ और त्रिवेंद्र की जगह 10 मार्च को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शपथ ली.
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