कोरोना के बीच एक अप्रैल से हरिद्वार कुंभ होगा शुरू, एसओपी लागू कराना प्रशासन के लिए बना चुनौती
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प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों के बीच हरिद्वार में एक अप्रैल से कुंभ मेला शुरू होगा.
कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बीच कल से हरिद्वार (Haridwar) में महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela) शुरू हो रहा है. ऐसे में यहा बढ़ती भीड़ को देखते हुए एसओपी (SOP) लागू कराना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
त्रिवेंद्र सरकार ने मेले पर कोरोना का खतरा मंडराते देख कई प्रतिबंध लगाए थे. वहीं नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कमान संभालने के बाद सभी तरह के प्रतिबंधों को हटा दिय था, लेकिन अब एक बार फिर उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कुंभ मेले में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटों के भीतर की कोरोना जांच रिपोर्ट और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है.
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन किया जाएगा. जिले के बॉर्डर पर हेल्थ स्टाफ के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा. जहां जांच की प्रक्रिया होगी अगर कोई व्यक्ति बॉर्डर पर कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे आइसोलेट किया जाएगा.
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कुंभ मेला क्षेत्र में कोरोना के लगातार बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. केंद्र सरकार की महामारी की निगरानी करने वाली संस्था एनसीडीसी और उत्तराखंड हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि कुंभ मेला क्षेत्र में कम से कम 50 हजार जांच हर दिन की जानी चाहिए, लेकिन कुंभ मेले के स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स नहीं हैं. फिलहाल मेला क्षेत्र में 10 हजार से भी कम जांचें हर दिन की जा रही हैं. कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि मेला क्षेत्र में जांचों की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाई जाएगी.
एसओपी से होटल व्यवसायी मायूस
कुंभ मेले के दौरान मेला क्षेत्र में कोरोना को बढ़ने में रोकने के लिए होटल धर्मशाला संचालकों के साथ भी मेला प्रशासन समन्वय बनाकर चल रहा है. मेला प्रशासन के अधिकारियों ने होटल धर्मशाला के मालिकों से कई चरणों की बैठक कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. होटल स्टाफ को हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग करने और मास्क सैनिटाइजर का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कराने और किसी भी यात्री की तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के निर्देश दिए हैं. वहीं कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं पर कई शर्तें लगने से होटल संचालक भी मायूस हैं.
हरिद्वार के एक होटल स्वामी विभास मिश्रा का कहना है कि लंबे समय से हरिद्वार में व्यापार ठप पड़ा हुआ है. कुंभ मेले से काफी आस थी, लेकिन अब व्यापारियों और होटल मालिकों में मायूसी है. सरकार को होटल इंडस्ट्री के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए.
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