उत्तराखंड

कुंभ टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामला : SIT जांच के घेरे में अब मेला प्रशासन के अफसरों की भूमिका

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देहरादून/नई दिल्ली. देश और उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के दौरान हरिद्वार में इसी साल आयोजित हुए कुंभ मेले में कोविड टेस्ट के फर्जीवाड़े के मामले में चल रही जांच में एक और महत्वपूर्ण मोड़ आया है. विशेष जांच टीम ने कुंभ मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को भी जांच के दायरे में ले लिया है. इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर एक नई धारा और जोड़ी गई है. हाल में, इस फर्जीवाड़े को लेकर हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी जांच के दायरे में लिये जाने की खबर आई थी.

हरिद्वार के सीएमओ की भूमिका के बारे में जांच की खबरों के बाद अब SIT ने फर्जी जांच घोटाले में उन अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू की है, जिन्हें मेले के प्रशासन और व्यवस्थाओं में विभिन्न ज़़िम्मेदारियां दी गई थीं. ताज़ा खबरों के अनुसार इस मामले में दर्ज एफआईआर में आईपीसी सेक्शन 467 के तहत ​अतिरिक्त मामला भी जोड़ा गया है, जिसका मतलब मूल्यवान संरक्षण, वसीयत के साथ धोखाधड़ी करना बताया गया है.

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1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच राज्य में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था, जिसके दौरान 1 लाख कोविड टेस्ट रिपोर्ट्स् के फर्जी होने के आरोप हैं. गौरतलब है कि पिछले ही दिनों खबर थी कि SIT ने हरिद्वार के सीएमओ एसके झा को भी जांच के घेरे में लेकर पूछताछ की. झा से पूछताछ इस सिलसिले में की गई थी, उनके पहले के कार्यकाल में भी जिस लैब को ठेका मिला था, कुंभ में भी उसी लैब को काम मिला, तो क्या यह संयोग था या कुछ और. बताया जाता है कि जांच चलने के कारण मामले से जुड़ी सभी लैब्स का भुगतान रोक दिया गया है.



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