उत्तराखंड

किसी के बाप में दम नहीं जो रामदेव को कर सके अरेस्ट: ऑनलाइन मीट‍िंग में बोले बाबा रामदेव

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योगगुरु स्वामी रामदेव का वीड‍ियो सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रहा है.

योगगुरु स्वामी रामदेव का वीड‍ियो सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रहा है.

Uttarakhand News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का दावा ठोकेगा.

योगगुरु स्वामी रामदेव का वीड‍ियो सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रहा है. इस वीड‍ियो में बाबा रामदेव बोले रहे है क‍ि किसी के बाप में दम नहीं जो रामदेव को अरेस्ट कर सकता है. सोशल मीड‍िया पर शोर मचाते हैं क‍ि अरेस्‍ट करो, कभी कुछ चलाते हैं और कभी कुछ चलाते हैं. कभी चलाते है क‍ि ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, अरेस्‍ट रामदेव कुछ लोग चलाते हैं चलाने दो इनको. बताया जा रहा है क‍ि सोशल मीडिया पर #arrestbabaramdev के ट्रेंड होने पर एक ऑनलाइन मीटिंग के दौरान बाबा रामदेव ने यह बयान द‍िया है. हालांक‍ि न्‍यूज 18 इस वीड‍ियो की पुष्‍ट‍ि नहीं करता है.  वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि योगपीठ के प्रमुख स्वामी रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव अपने बयान के लिए 15 दिनों के भीतर माफी मांगें, नहीं तो IMA उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का दावा ठोकेगा. डॉक्टरों के संगठन ने मांग की है कि रामदेव को इस बयान के खिलाफ लिखित में माफी मांगनी होगी, अन्यथा कानूनी रूप से ये दावा ठोका जाएगा. रामदेव ने आईएमए से पूछे थे 25 सवाल रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने हालिया बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किए जाने के बाद सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से 25 सवाल पूछे थे. रामदेव ने आईएमए से जानना चाहा कि क्या एलोपैथी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से स्थायी राहत देती है? अपने ट्विटर अकाउंट पर खुला पत्र जारी करते हुए रामदेव ने आईएमए से उनके 25 सवालों का जवाब देने को कहा था. रामदेव ने यह भी पूछा कि क्या दवा उद्योग के पास थायराइड, गठिया, अस्थमा और कोलाइटिस जैसी बीमारियों का स्थायी उपचार उपलब्ध है? उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी में फैटी लीवर (बढ़ा हुआ यकृत) और लीवर सिरोसिस की दवाएं हैं? उन्होंने सवाल किया, ‘‘जिस प्रकार आपने टीबी और चेचक का इलाज ढूंढ लिया है, उसी तरह लीवर की बीमारियों का भी इलाज ढूंढें. आखिरकार , एलोपैथी अब 200 साल पुरानी है.’’ योग गुरु ने यह भी जानना चाहा कि क्या इस चिकित्सा पद्धति में दिल की रुकावट संबंधी परेशानियों का कोई गैर सर्जरी उपचार उपलब्ध है? उन्होंने पूछा, ”कोलेस्ट्रॉल का क्या इलाज है?” उन्होंने सवाल किया, ‘क्या फार्मा उद्योग के पास माइग्रेन का इलाज है?’’ योग गुरु ने तमाम बीमारियों जैसे पार्किंसन का नाम गिनाया और जानना चाहा कि क्या एलोपैथी बांझपन का बिना किसी दर्द के दलाज कर सकती है, क्या उसके पास बढ़ती उम्र को रोकने और हेमोग्लोबिन को बढ़ाने का कोई उपाय है.इस बयान पर शुरू हुआ था बवाल आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं. उन्होंने टिप्पणी की थी क‍ि अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है और सर्वगुण संपन्न है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए. इस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिये गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था, जिसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था. आईएमए ने बाबा को भेज नोट‍िस में क्‍या कहा है?
आईएमए ने बाबा रामदेव को भेजे नोटिस में कहा है कि उनके बयान से संगठन से जुड़े डॉक्टरों के प्रति आम लोगों के मन में साख को अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंची है. कानूनी नोटिस में इसे अपराध बताते हुए सजा और जुर्माने का भी जिक्र किया गया है. IMA ने योगगुरु को साफ-साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर इस पत्र मिलने के 15 दिनों के भीतर वे अपने बयान के लिए माफी मांगें. जिस तरह उनका पहले के बयान का वीडियो मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया, उसी तरह बाबा रामदेव माफी मांगने का वीडियो भी प्रचारित करें. साथ ही लिखित में माफी मांगें, अन्यथा उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का दावा ठोका जाएगा. (पुल्‍क‍ित से म‍िले इनपुट्स के आधार पर )







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