एंबुलेंस नहीं मिली तो कोरोना मरीज को सड़क पर बैठकर करना पड़ा इंतजार
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कोविड मरीज़ को सड़क पर बैठकर करना पड़ा इंतज़ार.
Uttarakhand News : अव्यवस्थाओं और लापरवाहियों का आलम यह भी रहा कि जब एंबुलेंस पहुंची, तब भी तत्काल मरीज़ को अस्पताल ले जाया नहीं जा सका. प्रक्रियाओं में लेटलतीफी होती रही और उधर मरीज़ की हालत बिगड़ती रही.

टिहरी में स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.
फिर कागज़ी कार्रवाई में लेटलतीफी! करीब डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची तो भी तत्काल मरीज़ को मदद मिलना दूसरी बड़ी उलझन बना . नीरज की शिकायत के मुताबिक एंबुलेंस ड्राइवर ने मरीज़ को एंबुलेंस में तो बिठाया लेकिन कोविड केयर हॉस्पिटल नरेन्द्रनगर जाने की बजाय कागजात बनाने की बात कहता रहा. नीरज ने बताया कि उनके पिता की हालत बिगड़ने और देर पर देर होने के बाद उसने गुहार लगाई तो सीएमओ डॉ. सुमन आर्य ने इस मामले में दखल दिया. इसके दो घंटे बाद एंबुलेंस रवाना की जा सकी. ये भी पढ़ें: CT Scan की कीमत क्यों तय नहीं? इस सवाल पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया दखल मेडिकल स्टाफ का रोना नई टिहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोविड के लक्षण वाले मरीजों के लिए टेस्टिंग करवाने का दावा किया जा रहा है, रोज़ बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन बताया जा रहा है कि यह केंद्र मेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, जिसके चलते कोविड टेस्ट में देरी के साथ ही रिपोर्ट भी देरी से मिल रही है. इसी कारण बाकी व्यवस्थाओं में भी देर होने की बात कही गई.
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