उत्तराखंड त्रासदी: एक शख्स के पहले पुतले का और फिर शव का किया गया अंतिम संस्कार, जानें क्यों
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उत्तराखंड त्रासदी: एक शख्स का दो बार किया गया अंतिम संस्कार
Uttarakhand tragedy: उत्तराखंड त्रासदी में मरने वाले एक युवक के परिवारवालों ने शव न मिलने पर पुतले का दाह संस्कार कर दिया था,लेकिन अब शव मिलने के बाद परिवार एक बार दोबारा से अंतिम संस्कार करेगा.
उत्तराखंड के चमोली के रैणी गांव में आई आपदा में लापता हुए पंजिया गांव निवासी जीवन सिंह का शव बीते रोज सुरंग से बरामद कर लिया गया. आपदा में इसी गांव के चार लोग लापता हो गए थे, जिसमें जीवन सिंह का भाई भी शामिल था. सभी का शव न मिलने पर ग्रामीणों ने पुतले का दाह संस्कार किया था.
7 फरवरी को रैणी गांव में आई आपदा में पंजिया गांव के चार लोग लापता हो गए थे. शवों के न मिलने पर परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था. शवों के मिलने में हो रही देरी में ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया. उन्होंने 15 फरवरी को पुतले के रूप में चारों लोगों के पुतला बनाकर हरीपुर घाट पर अंतिम संस्कार किया था. इसी बीच बीते रोज लापता युवक जीवन सिंह पुत्र जवाहर सिंह का सब टनल से बरामद कर लिया गया, जिसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण भी रैणी गांव पहुंच चुके हैं.
स्थानीय निवासी संतराम भट्ट व सूरज सिंह चौहान ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में रिसक्यू अभियान लगातार जारी है जीवन सबका जीवन सिंह का सब बरामद हो चुका है जबकि उसके भाई समेत तीन लोग अभी लापता है, जिनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। लगातार जारी ऑपरेशन से उम्मीद है कि इन लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।।
मृतक के पिता जवाहर सिंह ने कहा कि भले ही सभी लोगों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया हो, लेकिन अब शव बरामद हो चुका है. जिसको चमोली से जल्द विकासनगर लाया जाएगा. मृतक का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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