उत्तराखंड

उत्तराखंड STF और पुलिस की संयुक्त टीम को मिली बड़ी कामयाबी, 14 साइबर अपराधी गिरफ्तार

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देहरादून. साइबर क्राइम (Cyber Crime) का अगर जिक्र होता है तो जामताड़ा सीरीज (Jamtara Series) अवश्य ही जहन में आती है. और आज देश में जमाताड़ा जैसे कई इलाके हैं, जहां से साइबर अपराधी घर बैठे- बैठे पूरे देश में अपना अपराध फैला रहे हैं. इन अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए उत्तराखंड (Uttarakhand) में ई- सुरक्षा अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के करीब 200 पुलिस के अधिकारी और जवान देश के अलग-अलग राज्यों में पनप रहे साइबर अपराधियों की धरपकड़ कर रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, स्पेशल टास्क फोर्स और जनपद पुलिस की संयुक्त टीमों द्वारा साइबर अपराधों में संलिप्त 14 साइबर अपराधियों को देश के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. इसी के तहत डीजीपी अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वाले शातिर साइबर ठग की भी अरेस्टिंग हुई है.एसटीएफ और पुलिस की टीमों ने पलवल, नूह, भरतपुर,अलवर और जामताड़ा से 14 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. और अभी कई टीमें इन इलाकों में छुपे बदमाशों की तलाश कर रही है.

पुलिस की टीमें रवाना की गई थीं

साइबर अपराध आज के दौर में नासूर बन चुका है. और साइबर अपराध में उत्तराखण्ड 5 वें स्थान पर है. लेकिन ऐसी कार्रवाई होती रही तो अपराधियों के हौसले अवश्य पस्त होंगे. डीआईजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह का फेक कारोबार मुख्य रूप में भारत के झारखंड, राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के कुछ जगहों पर बड़े पैमाने पर चल रहा है, जिसको देखते हुए इन जगहों के लिए एसटीएफ और पुलिस की टीमें रवाना की गई थीं.

2 जालसाजों को पटना से गिरफ्तार किया गया

बता दें कि आज ही खबर सामने आई है कि लोकसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता साक्षी महाराज (MP Sakshi Maharaj) के खाते (Bank Account) से पटना के जालसाजों ने एक लाख रुपये उड़ा लिए. दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले में छानबीन करते हुए 2 जालसाजों को पटना से गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई है. दिल्ली पुलिस की टीम ने पटना पुलिस (Patna Police) के सहयोग से कंकड़बाग से निहाल सिन्हा और गर्दनीबाग इलाके से दिनेश राय को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस इन्हें पटना से लेकर जा चुकी है. पूछताछ के क्रम में शातिरों ने कई लोगों को चूना लगाने की बात स्वीकार की है. मामला काफी हाई प्रोफाइल होने के कारण पटना पुलिस भी दबी जुबान से ही इस मामले में कुछ बता पा रही है.

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