उत्तराखंड: लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी को 10 साल की सजा, जानिए पूरा मामला
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रिश्वत के मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी और साथी को सीबीआई कोर्ट से सजा
देहरादून सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एमईएस के लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी और मनीष सिंह को सजा सुनाई है. दोनों आरोपियों को अलग अलग धाराओं में 10 और 5 साल की सजा के साथ करीब 55 हजार रुपये और 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
दरअसल, लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी ठेकेदार हरेन्द्र सिंह से बिल को पास करने के एवज में कुल धन राशि के 1.5 प्रतिशत की दर से 38 हजार की रिश्वत जुलाई 2016 में मांगी थी. जिसपर ठेकेदार ने सीबीआई से सम्पर्क कर भरत जोशी को 1,0000 रुपये रिश्वत देते हुए रंगे हाथों पकड़वाया था. शिकायतकर्ता ने 4 जुलाई 2016 को एसडी कार्ड में उनके और भरत जोशी के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया. शिकायतकर्ता ने 6 जुलाई 2016 को सीबीआई को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की. भारत जोशी के खिलाफ 8 जुलाई 2016 को एफआईआर दर्ज की गई थी.
भरत जोशी ने शिकायतकर्ता को मनीष के कार्यालय कक्ष में 8 जुलाई16 को फोन पर 10000 रुपये रिश्वत देने के लिए आमंत्रित किया. मनीष और भरत जोशी मनीष के कमरे में मौजूद थे, जब शिकायतकर्ता 8 जुलाई16 को उनसे मिले. भरत जोशी ने रिश्वत की मांग की और मनीष ने शिकायतकर्ता और भरत जोशी को एक समय में रिश्वत की राशि देने के लिए उकसाया. भरत जोशी को सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा था. एमपी रिकॉर्डर में वार्तालाप रिकॉर्ड किया गया था.
रायपुर स्थित आईआरडीई के एमईएस ब्रांच (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस) में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी निवासी विज्ञान विहार रायपुर मूल निवासी ग्राम पोखरा पौड़ी और मनीष सिंह निवासी आईआरडीई परिसर मूल निवासी गार्डन एस्टेट सेक्टर 22 द्वारिका नई दिल्ली को 10 हजार रिश्वत लेते 8 जुलाई 2016 को गिरफ्तार किया था. सीबीआई के वकील सतीश गर्ग के अनुसार मामले में सीबीआई ने 27 सितंबर 2017 को चार्जशीट दाखिल की. जिसमे 14 गवाह और पुख्ता सबूत पेश किए.वहीं आरोपी की तरफ से 10 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. जिसपर सोमवार को सीबीआई कि स्पेशल कोर्ट सुजाता सिंह ने मामले में दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल भारत जोशी को अलग अलग धाराओं में 5 साल 5 हजार जुर्माना, 7 साल 25 हजार जुर्माना और 10 साल 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. इसी तरह आरोपी मनीष को 5-5 साल की सजा और 5-5 हजार रुपये कुल 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.
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