उत्तराखंड में 8000 किलो चरस जब्त, अरबों की कीमत, गिरफ्तार आरोपियों में दो पुलिस जवान भी, नौकरी से बर्खास्त
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उत्तराखंड ने बेहद भारी मात्रा में चरस ज़ब्त की.
इसी साल हिमाचल प्रदेश में भारी मात्रा में चरस ज़ब्त की गई थी, तब पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 1 किलो चरस की कीमत 3 लाख रुपये से ज़्यादा बताई थी. ऐसे समझा जाए तो उत्तराखंड पुलिस ने जो चरस ज़ब्त की है, उसकी कीमत 240 करोड़ रुपये बैठती है. जानिए पूरा मामला.
ऊधमसिंह नगर/पिथौरागढ़. उत्तराखंड पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी तब लगी, जब दो गाड़ियों से ट्रांसपोर्ट की जा रही चरस भारी मात्रा में ज़ब्त की गई. लेकिन पुलिस को इस उपलब्धि के साथ शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ा क्योंकि जिन चार लोगों को चरस तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उनमें से दो पुलिस के ही जवान थे. पिथौरागढ़ पुलिस के दो जवानों समेत चार लोगों से ऊधमसिंह नगर पुलिस ने 8 क्विंटल से ज़्यादा चरस बरामद की, जिसे दो निजी कारों से ले जाया जा रहा था. पुलिस के भेस में चरस तस्करों के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस के आला अफसरों ने कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कह दी है.
किच्छा पुलिस ने एक अमेज़ और एक वैगन आर कार में बैठे चार आरोपियों विपुल सैला, पीयूष खड़ावत, प्रभात बिष्ट और दीपक पांडे को गिरफ्तार किया. खबरों की मानें तो इन दो कारों से 8008 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार हुए इन चारों में से बिष्ट और पांडे पुलिस लाइन पिथौरागढ़ में आर्म्ड पुलिस में तैनात हैं. अब इनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है.
Uttarakhand: Four people, including two constables of armed police posted in the police lines of Pithoragarh, arrested by the Kichha police of Udham Singh Nagar with 8,008 kgs of charas. 1,094 kgs recovered from one car while 6,914 kgs from another car.
— ANI (@ANI) June 13, 2021
क्या पुलिस वालों का ही गैंग था?
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पिथौरागढ़ पुलिस के दोनों कांस्टेबलों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. यही नहीं, कुमार के मुताबिक अगर भविष्य में किसी भी आपराधिक गतिविधि में कोई पुलिसकर्मी लिप्त पाया गया, तो उसे भी पुलिस फोर्स की नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. बिष्ट और पांडे के अलावा, इस मामले में जो एक और आरोपी गिरफ्तारी हुआ, आदर्श कॉलोनी, खटीमा का रहने वाला विपुल सैला भी नैनीताल ज़िले में हेड कांस्टेबल चंद्रसिंह सैला का बेटा बताया गया है. इस पूरे नेक्सस के पकड़े जाने के बाद चर्चा यही है कि कुछ ज़िलों के पुलिसकर्मी एक बड़े गैंग का संचालन कर रहे हैं या फिर बड़े स्तर पर तस्करी में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है.
क्या पुलिस वालों का ही गैंग था?
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