उत्तराखंड में वन्य जीवों से संघर्ष में मानव क्षति का मुआवजा बढ़ा, मौत पर अब मिलेगी इतनी रकम…
[ad_1]
वन विभाग मनुष्यों और वन्य जीवों के बीच टकराव की स्थिति को टालने के प्रयास में जुटा है (फाइल फोटो)
रामनगर पहुंचे प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कहा कि मुआवजा (Compensation) बढ़ाने के अलावा मनुष्यों से वन्य जीवों (Wild Animals) के टकराव को कम करने के लिए कई उपायों पर काम चल रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से कॉर्बेट (Jim Corbet) में वोलेंट्री विलेज प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जा रहा है. इसके तहत 98 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है
- News18Hindi
- Last Updated:
February 22, 2021, 4:53 PM IST
उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड लोग आबादी के पास आ रहे वन्य जीवों पर नजर रख उन्हें रेस्क्यू करने में मदद करेंगे. इसके साथ ही ढेला में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जा रही है जिससे यहां घायल और बीमार वन्य जीवों का इलाज किया जा सके. भरतरी ने कहा कि वन विभाग और स्थानीय जनता की भागीदारी से ही वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है, जो गौरव की बात है. लेकिन दोनों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करना भी बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने बाघ और हाथी जैसे वन्य जीवों के बढ़ने पर जहां खुशी जताई. वहीं मनुष्यों और वन्य जीवों के बीच संघर्ष को कम करने को विभाग की प्राथमिकता बताई.
प्रमुख वन संरक्षक ने वन्य जीवों की गणना कर उनका डेटा जुटाने पर भी बल दिया. अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, गैरसैण और हल्द्वानी में बंदर बाड़े बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए कैंपा से बजट रिलीज हो गया है. कॉर्बेट में टूरिज्म के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए वन पंचायतों में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने यहां पर्यटन कारोबारियों से बात करते हुए आमडंडा में दो मंजिला पार्किंग बनाने पर सहमति दी.
[ad_2]
Source link