उत्तराखंड

उत्तराखंड में थर्ड वेव की तैयारी, चाइल्ड केयर पर पूरा फोकस, स्टाफ ट्रेनिंग शुरू

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कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है.

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है.

Third Wave of Covid-19 : कोरोना की पहली और दूसरी लहर के अनुभवों से सबक लेते हुए राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू की जा रही हैं.

देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी में दून मेडिकल कॉलेज के तहत संचालित हॉस्पिटल में अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से जूझने की तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं. सेकंड वेव से कुछ राहत मिलने के बाद अब हॉस्पिटल प्रशासन थर्ड वेव के लिए सुविधाएं और संसाधन जुटा रहा है. बच्चों के लिए ऑक्सीजन बेड 22 से बढ़ाकर 62 कर दिए गए हैं. नवजातों के लिए 22 बेड का आईसीयू तैयार कर लिया गया है. चौदह साल तक के बच्चों के लिए 8 बेड के पीआईसीयू को बढ़ाकर 12 बेड का किया जा रहा है. यह कवायद इसलिए की जा रही है क्योंकि विशेषज्ञों की आशंका है कि अगली लहर में बच्चे बड़ी संख्या में महामारी की चपेट में आएंगे. दून मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि अगले दो महीनों में चाइल्ड वार्ड में बेड संख्या दो सौ तक पहुंचाने का टारगेट रखा गया है. इस अस्पताल में न सिर्फ राजधानी बल्कि आसपास के क्षेत्रों और पहाड़ से लेकर अन्य राज्यों के मरीज़ों का भी दबाव रहता है. अस्पताल प्रशासन का अनुमान है कि थर्ड वेव आई तो पूरी तरह कोविड डेडिकेटेड इस हॉस्पिटल पर सबसे अधिक दबाव होगा. ये भी पढ़ें : कोविड-19 के नाम पर छीने गए बुनियादी अधिकार, हाई कोर्ट ने उत्तराखंड को लगाई फटकार

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दून अस्पताल में बच्चों के लिए बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है.

स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू डॉ. सयाना का कहना है कि अगली लहर के मद्देनज़र चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के अलावा अन्य डॉक्टरों और स्टाफ को ट्रेंड कर रहे हैं. सेकंड वेव के ही आंकड़े ​देखें तो उत्तराखंड में पिछले 24 दिनों में 9 साल तक के दो हज़ार से अधिक बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इसमें 19 साल तक के एज ग्रुप को भी जोड़ दिया जाए, तो ये आंकड़ा 12 हज़ार के आसपास है. ऐसे में थर्ड वेव की आशंका को लेकर अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं.
ये भी पढ़ें : डेढ़ करोड़ की स्मैक बरामद, उप्र से उत्तराखंड के पहाड़ों तक फैले ड्रग्स नेटवर्क को तबाह करने की तैयारी दूसरी ओर स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. पंकज पांडेय का कहना है कि लोगों को इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. ऐसा नहीं है कि थर्ड वेव में बच्चे ही चपेट में होंगे. थर्ड वेव के दौरान बच्चों पर इसलिए फोकस होगा क्योंकि तब तक 18 साल से ज़्यादा के लोगों को संभवत: वैक्सीन मिल चुकी होगी.







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