उत्तराखंड में थर्ड वेव की तैयारी, चाइल्ड केयर पर पूरा फोकस, स्टाफ ट्रेनिंग शुरू
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कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है.
Third Wave of Covid-19 : कोरोना की पहली और दूसरी लहर के अनुभवों से सबक लेते हुए राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू की जा रही हैं.
दून अस्पताल में बच्चों के लिए बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है.
स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू डॉ. सयाना का कहना है कि अगली लहर के मद्देनज़र चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के अलावा अन्य डॉक्टरों और स्टाफ को ट्रेंड कर रहे हैं. सेकंड वेव के ही आंकड़े देखें तो उत्तराखंड में पिछले 24 दिनों में 9 साल तक के दो हज़ार से अधिक बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इसमें 19 साल तक के एज ग्रुप को भी जोड़ दिया जाए, तो ये आंकड़ा 12 हज़ार के आसपास है. ऐसे में थर्ड वेव की आशंका को लेकर अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं.
ये भी पढ़ें : डेढ़ करोड़ की स्मैक बरामद, उप्र से उत्तराखंड के पहाड़ों तक फैले ड्रग्स नेटवर्क को तबाह करने की तैयारी दूसरी ओर स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. पंकज पांडेय का कहना है कि लोगों को इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. ऐसा नहीं है कि थर्ड वेव में बच्चे ही चपेट में होंगे. थर्ड वेव के दौरान बच्चों पर इसलिए फोकस होगा क्योंकि तब तक 18 साल से ज़्यादा के लोगों को संभवत: वैक्सीन मिल चुकी होगी.
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