उत्तराखंड में इस बार 70 फीसदी कम हुई बारिश, जानें कौन से फैक्टर बन सकते हैं Avalanche की वजह– News18 Hindi
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वहीं पिछले साल बारिश 134 एमएम तक थी जिसका सीधा असर क्लामेटिक चेंच से लेकर पश्चिमी विक्षोभ का असर वैज्ञानिक बताते है. भले ही वाडिया के सांइटिस्ट इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि ग्लेशियर की बर्फ में विस्फोट कही घटना की वजह तो नहीं, लेकिन मौसम विज्ञान केन्द्र का तर्क है कि इस बार की बारिश और बर्फबारी कम रही है इसलिए ऐसी सम्भावनाएं कम नजर आती है.
वैज्ञानिकों की राय
देहरादून मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल का कहना है कि बारिश और बर्फ़बारी क्लाईमैंटिक चेंजेस पर बहुत हद तक निर्भर करता है. वहीं लम्बे समय तक मौसम के बदलाव ,पश्चिमी विक्षोभ के असर और क्लामेटिक सिचुएशन पर काम कर रहे रिटार्यड वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग का असर हमारे वातावरण पर पड़ता है. ग्लेशियर के आसपास का इलाका भी इससे प्रभावित होता है. चमोली घटना पर हालांकि साफ़ कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर है कि बारिश नहीं थी. अगर बारिश हो रही होती तो नुकसान ज्यादा होता. रिटार्यड वैज्ञानिक एमएम सकलानी कहते हैं कि मौसम का बदलाव पूरा सिस्टम बदल देता है.
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