उत्तराखंड

उत्तराखंड में आग हुआ बेकाबू, अब तक 249.95 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित

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 दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन जंगल की आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है.(फाइल फोटो)

दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन जंगल की आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है.(फाइल फोटो)

जंगल में लगी आग (Fire) से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं, कई जानवर आग की चपेट में आने से काल के गाल में समा गए हैं.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलों में लगी आग (Fire) कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. हालांकि, इस पर काबू पाने के लिए वन विभाग और सरकार दिनरात काम कर रही है. भारतीय वायु सेना से भी मदद ली गई है. इसके बावजूद भी आग नहीं बुझ रही है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि बारिश (Rain) से ही आग बुझेगी. हालांकि, जंगल में लगी आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं, कई जानवर आग की चपेट में आने से काल के गाल में समा गए हैं. कहा जा रहा है कि रविवार को 24 घंटे में प्रदेशभर में 60 घटनाएं सामने आई थी. सोमवार को इनकी संख्या 160 पर पहुंच गई. बढ़ती घटनाओं के साथ वन संपदा को हो रहे नुकसान का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन जंगल की आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है. वन विभाग के बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में आग से 249.95 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसमें 120 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र और 40 हेक्टेयर क्षेत्र सिविल और वन पंचायतों का है. इसमें आधे से ज्यादा 86 घटनाएं गढ़वाल मंडल की हैं. इसमें भी पौड़ी गढ़वाल सर्कल में वन सबसे ज्यादा धधक रहे हैं.

61 लाख 84 हजार के लॉस के रूप में आंकलन किया है
वहीं, 10 अप्रैल को खबर सामने आई थी कि उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव जारी है. इस साल आग पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ने पर आमादा है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अभी तक की आग में 17 जानवर जलकर मर गए. 22 जानवर घायल हुए हैं. इसमें सभी फालतू मवेशी हैं. यानि की जंगली जानवर कितने मरे इसकी कोई गिनती नहीं है. न वन विभाग इसका रिकॉर्ड रखता है.वन विभाग ने आग से अब तक हुए नुकसान का 61 लाख 84 हजार के लॉस के रूप में आंकलन किया है.





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