उत्तराखंड

उत्तराखंड : भूस्खलन से ठप गंगोत्री हाईवे पर फंसी गर्भवती को बचाया गया, देखें वीडियो

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गर्भवती को मदद करती एसडीआरएफ टीम.

गर्भवती को मदद करती एसडीआरएफ टीम.

Uttarakhand Viral Video : अस्पताल जाने के रास्ते में बुरी तरह फंस चुकी एक युवती को आपदा राहत बल की मदद समय पर न मिली होती तो बड़ा हादसा संभव था. वायरल हो रहे वीडियो में देखिए कैसे गर्भवती को मलबे से निकाला गया.

देहरादून. भारत और चीन के बॉर्डर तक जाने वाले अहम नेशनल हाईवे पर आवागमन जब भूस्खलन के कारण ठप हुआ, तब एक गर्भवती महिला के सामने अस्पताल तक पहुंचने का संकट खड़ा हो गया. ऐसे समय में, राज्य आपदा रिस्पॉंस फोर्स के कर्मचारियों ने गर्भवती की मदद के लिए हाथ बढ़ाए और उसे किसी तरह अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की. एसडीआरएफ कर्मचारियों ने जिस तरह इस महिला को मलबे में से सुरक्षित निकाला, उसका एक वीडियो भी मीडिया में आया, जिसे काफी पसंद और साझा किया जा रहा है. इससे पहले मंगलवार को न्यूज़18 ने आपको बताया था कि किस तरह भूस्खलन के कारण ऋषिकेश से गंगोत्री जाने वाले हाईवे पर आवागमन ठप हो गया था.

पिछली खबर में न्यूज़18 ने आपको यह भी बताया था कि हाईवे बंद होने के कारण स्थानीय लोगों, चार धाम तीर्थयात्रियों व सुरक्षा बलों को काफी परेशानी हो रही थी. यह खबर समाचार एजेंसी एएनआई ने जारी करते हुए बताया कि मंगलवार की शाम मुखबा गांव की रहने वाली एक गर्भवती को किस तरह राहत कार्य में लगे हुए कर्मचारियों ने सहयोग दिया. वीडियो में देखिए और पढ़िए कि कैसे युवती को उस वक्त मदद न मिलती तो बड़ा हादसा हो सकता था.

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जब युवती को शुरू हुई प्रसव पीड़ा

एसडीआरएफ ने बताया कि सूनागढ़ के पास भूस्खलन होने से गंगोत्री नेशनल हाईवे ठप हो चुका था. तभी, अस्पताल जाने के रास्ते में 20 वर्षीय गर्भवती करिश्मा हाईवे के बीच में ही फंस गईं. रास्ते में फंसे रहने के दौरान ही करिश्मा को प्रसव पीड़ा भी शुरू हुई, तब परिजनों ने पुलिस को मदद के लिए फोन किया. वहां रास्ता खोले जाने के काम में लगे कर्मचारियों से किसी तरह संपर्क हुआ तो एसडीआरएफ भटवाड़ी की टीम और एक स्थानीय व्यक्ति राजेश रावत गर्भवती तक पहुंचे.

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एसडीआरएफ के मुताबिक 20 मिनट के भीतर इस टीम ने करिश्मा को चट्टानों के टूटने से जमा हुए भारी मलबे के बीच से सुरक्षित निकाला. इसके बाद करिश्मा को बंद रास्ते के दूसरी तरफ ले जाकर एक एंबुलेंस में स्थानीय अस्पताल के लिए रवाना किया गया. गौरतलब है कि इस मलबे को हटाकर आवागमन बहाल करने की ज़िम्मेदारी बॉर्डर सड़क संगठन के ज़िम्मे है तो वहीं, इस हाईवे के ठप होने से गंगोत्री और 11 गांव सड़क मार्ग से कट गए.







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