उत्तराखंड ने केंद्र से पूछा, क्या हम सीधे विदेश से वैक्सीन खरीद सकते हैं?
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उत्तराखंड ने वैक्सीन सप्लाई में कमी की बात कही.
यह सवाल सीधे तौर पर इशारा है कि वैक्सीन डोज़ सप्लाई (Vaccine Supply & Shortage) कितनी प्रभावित है और शॉर्टेज का आलम क्या है. जानिए उत्तराखंड में वैक्सीन की कितनी ज़रूरत है और ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर क्या फैक्ट्स हैं.
ये भी पढ़ें : वैक्सीन शॉर्टेज के दौर में डोज़ कैसे बर्बाद कर रहे हैं ये राज्य?‘ऑक्सीजन उत्पादन की तरफ बढ़ रहा है राज्य’ कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य की रणनीतियों के बारे में बताते हुए प्रकाश ने कहा कि राज्य को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत है जबकि 126 मीट्रिक टन मिल रही है. दूसरी तरफ राज्य के अस्पताल 5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर पा रहे हैं. यह उत्पादन 4 मीट्रिक टन और बढ़ेगा क्योंकि अस्पतालों में प्लांट और लगाए जा रहे हैं. ये भी पढ़ें : ममता की मिसाल: कोरोना संक्रमित कपल के शिशु के लिए ‘टेंपरेरी मां’ बनी महिला कॉप
उत्तराखंड ने ऑक्सीजन बेड, सिलेंडर और कंसेंट्रेटरों की संख्या बढ़ाने का दावा किया.
वहीं उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि राज्य में मार्च 2020 में 673 ऑक्सीजन बेड थे जबकि अब इनकी संख्या 5500 हो चुकी है. यही नहीं, एक साल पहले राज्य में 216 आईसीयू बेड थे जबकि इसकी संख्या बढ़कर अब 1390 हो गई है. वेंटिलेटर भी 116 के मुकाबले 876 हो चुके हैं. यह भी बताया गया कि राज्य में फिलहाल 9900 ऑक्सीजन सिलेंडर और 1293 ऑक्सीजन कंसेंट्रैटर उपलब्ध हैं. ये भी पढ़ें : आखिर क्या है उत्तराखंड में कोरोना से हो रही मौतों की बड़ी वजह? जल्द शुरू होगी मोबाइल टेस्टिंग वैन इस संयुक्त प्रेस वार्ता में उत्तराखंड प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि राज्य के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों तक पहुंचने के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन जल्द शुरू होने जा रही है. यह वैन गांवों तक जाकर, लक्षण दिखने पर वहीं लोगों की टेस्टिंग करेगी, जिससे सामान्य मरीज़ों को शहर आने की तकलीफ नहीं करना होगी.
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