उत्तराखंड

उत्तराखंड: नए CM के लिए सीट छोड़ने पर मतभेद, सतपाल ने किया मना, धन सिंह बोले- ये तो पार्टी तय करेगी

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उत्तराखंड सरकार का चेहरा बदला, लेकिन सियासत जारी है.

उत्तराखंड सरकार का चेहरा बदला, लेकिन सियासत जारी है.

भाजपा नेतृत्व की ओर से नया सीएम तय होने के बाद अब मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा सीट खाली करने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं. सतपाल महाराज ने सीट नहीं छोड़ने की बात कह दी है, तो उन्हें धनसिंह ने जवाब देकर जता दिया कि ये पार्टी तय करेगी.

देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) में सरकार का चेहरा बदलते ही सियासत शुरू हो गई है. भाजपा (BJP) नेतृत्व की ओर से नया सीएम तय होने के बाद अब मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा सीट खाली करने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं. जो नेता कल तक मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे वह इसको लेकर माथापच्ची करने में लगे हुए हैं. सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने सीट नहीं छोड़ने की बात कह दी है, तो उन्हें धनसिंह ने जवाब देकर जता दिया कि ये पार्टी तय करेगी.

उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन वो किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसकी चिंता तीरथ सिंह रावत से ज्यादा उन नेताओं को है, जो खुद मुख्यमंत्री की रेस में खुद को शामिल मान रहे थे. सीएम को लेकर सीट छोड़ने को लेकर तो सतपाल महाराज ने बयान ही जारी कर कह दिया कि वो चौबट्टाखाल सीट नहीं छोड़ने वाले. इस बयान पर मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग करने वाले धन सिंह ने महाराज को करारा जवाब दिया है. धन सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री कहां से लड़ेंगे, ये फैसला पार्टी का होगा किसी व्यक्ति का नहीं.

सतपाल महाराज के बयान के बाद धन सिंह ने उन्हें भाजपा की विचारधारा और अनुशासन का मैसेज देने की कोशिश की है. वहीं 4 साल से मंत्री बनने के लिए चक्कर काट रहे विधायक महेंद्र भट्ट का कहना है कि वो मुख्यमंत्री तीरथ के लिए बद्रीनाथ सीट छोड़ने को तैयार हैँ. वहीं, सतपाल और महेंद्र भट्ट की बात पर मुख्यमंत्री का कहना है कि वो कहां से लड़ेंगे ये फैसला वक्त पर ही किया जाएगा.

6 माह के भीतर विधायक बनना जरूरीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की सियासी चालों ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रहे नेताओं को सिर पीटने पर मजबूर कर दिया है. तीरथ सिंह मुख्यमंत्री बन गए. जो मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, उनमें कोई सीट तय करने में जुटा है और कोई सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 6 महीने के भीतर किसी एक विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ना होगा.






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