उत्तराखंड: टिहरी झील में फिर से बोटिंग शुरू, 72 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी
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टिहरी झील आने वाले पर्यटकों को कोरोना गाइडलाइंस फॉलो करना होगा.
तकरीबन दो महीने बाद वीरान पड़ी टिहरी झील Tehri lake में फिर से बोटिंग गतिविधियां शुरू कर दी गई है. कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए 72 घंटे पहले का कोविड नेगेटिव रिपोर्ट (Corona Negative Report) लेकर सैलानियों को आना होगा.
टिहरी. उत्तराखंड (Uttarakhand) में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 30 अप्रैल 2021 से टिहरी झील (Tehri Lake Boating) में बोट का संचालन बंद कर दिया गया था. इससे कोविड की दोहरी मार झेल रहे बोट व्यवसायी ऑपरेटरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था. अब प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत एक बार फिर टिहरी झील में बोटिंग शुरू करने की अनुमति दे दी है. पर्यटन सीजन के दौरान मार्च से जून में ही टिहरी झील में दूर दराज से सैलानी पहुंचते थे. इसी सीजन में बोट व्यवसायी अपने पूरे साल का व्यवसाय करते थे. पिछले साल भी कोविड के चलते और इस बार भी पर्यटन सीजन में कोविड की दोहरी मार झेल रहे बोट व्यवसायी कोविड की नई गाइडलाइन के मुताबिक बोटिंग शुरू करने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने शर्तों के साथ 72 घंटे पहले की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और गाइडलाइन का पालन कराते हुए बोटिंग शुरू करने की अनुमति दे दी है. इस फैसले के बाद बोट व्यवसायियों को भी राहत मिली है.
पर्यटकों को कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखाना होगा
टिहरी झील बोट यूनियन द्वारा भी मेन गेट पर पर्यटकों की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट चैक की जा रही है और सैनिटाइजेशन के साथ मास्क को अनिवार्य किया गया है. हालांकि पहले दिन पर्यटक कम ही संख्या में पहुंचे, लेकिन जो पर्यटक टिहरी झील पहुंच रहे है उनका भी कहना है कि वो कब से टिहरी झील में बोटिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे थे. अब वो परिवार के साथ कोविड नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही गाइडलाइन का पालन कर रहे है.
प्रदर्शन का ऐलान
इधर, उत्तराखंड कांग्रेस ने शनिवार को धमकी दी कि अगर उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कथित फर्जी कोविड-19 जांच घोटाले की छानबीन नहीं कराई गई तो पार्टी विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में इस घोटाले की जांच के आदेश नहीं दिए गए तो कांग्रेस राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी और इसकी शुरुआत 25 जून को हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे अनशन से होगी.’’ सिंह ने कहा, ‘‘ यह भाजपा का पाप है जो खुद को सनातन हिंदू धर्म के सरंक्षक के रूप में पेश करती है. यह घोटाला इस सरकार के तहत कोविड जैसी महामारी के समय हुआ.’’
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