उत्तराखंड

उत्तराखंड: गर्जिया मंदिर को बचाने में जुटे मुसलमान, सलाउद्दीन बोले- भगवान एक है, उसके घर को बचाना सबसे बड़ा धर्म

[ad_1]

उत्तराखंड के प्राचीन गर्जिया मंदिर को बचाने के लिए यहां के मुस्लिम भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र इस मंदिर के के टीले में दरारें आ गईं.

उत्तराखंड के प्राचीन गर्जिया मंदिर को बचाने के लिए यहां के मुस्लिम भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र इस मंदिर के के टीले में दरारें आ गईं.

उत्तराखंड के प्राचीन गर्जिया मंदिर को बचाने के लिए यहां के मुस्लिम भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र इस मंदिर के टीले में दरारें आ गईं. बरसात के पहले मंदिर को सुरक्षित करना चुनौती है.

रामनगर. उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थों में से एक गर्जिया मन्दिर को बचाने की मुहिम चल पड़ी है. इस मंदिर को बचाने के लिए यहां के मुस्लिम भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र इस मंदिर के के टीले में दरारें आ गईं. यहां बरसात के पहले मंदिर को सुरक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है. मंदिर को बचाने वालों में सलाउद्दीन भी शामिल हैं. वे कहते हैं, यह मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है. भगवान तो एक है, उसके घर को बचाना सबसे बड़ा धर्म है. वैसे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी 2012 में इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की थी, लेकिन इस पर काम शुरू नहीं हो सका. इसके बाद लोगों की चिंताएं बढ़ीं तो वह इसे बचाने के लिए जुट गए हैं.

गर्जिया देवी का मंदिर उत्तराखंड के सुंदरखाल गांव में स्थित है. यह माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक माना गया है. छोटी पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के आसपास बेहद प्राकृतिक सौदर्य फैला हुआ है, लेकिन इस समय प्रचीन मंदिर के अस्तित्व पर ही संकट के बादल हैं. मन्दिर के इस टीले में दरारें आने के बाद उसे बचाने के लिए कुछ लोग आगे आए हैं. जो लोग मंदिर को बचाने में जुटे हैंं उनमें सलाउद्दीन भी भी शामिल हैं. सलाउद्दीन की पहचान धार्मिक तौर पर तो एक मुसलमान की है, लेकिन गर्जिया मन्दिर में आये संकट से वह भी परेशान हैं. सलाउद्दीन इस मंदिर को बचाने के लिए पूरी तरह से जुट गए हैं.

बाढ़ के बाद घोषणा, फिर मंदिर की सुध लेना भूली सरकार
इस मंदिर पर खतरे को देखते हुए सरकार ने भी घोषणा की थी. घोषणा के बाद यहां कब काम शुरू होगा इसका कोई पता नहीं है. ऐसे में बरसात से पहले इस टीले की सुरक्षा जरूरी है. पौराणिक काल से एक टीले में स्थित गर्जिया मन्दिर में देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन 2010 की बाढ़ ने इसके टीले को हिला दिया है. टीले के ऊपर बने इस मंदिर के टीले को बचाने के लिए 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने घोषणा की थी. घोषणा के बाद सरकार मंदिर की सुध लेना ही भूल गई.पुजारी के साथ मंदिर को बचाने में जुटे मुसलमान

अब मन्दिर के पुजारी इसके इस टीले को बचाने के लिए आगे आये हैं. सलाउद्दीन कहते हैं, यह मंदिर करोड़ो लोगों की आस्था का प्रतीक है. इसे बचाया जाना बेहद जरूरी है. भगवान तो एक है, उसके घर को बचाना सबसे बड़ा धर्म है. पण्डित मनोज पांडेय की मानें तो मंदिर को दरारों की वजह से नुकसान का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि अगला मौसम बरसात का है. ऐसे में मन्दिर को बचाने के लिए वह इस टीले को जाल में पत्थर भर कर लगवा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीजेपी सरकार ने यहां जल्द काम शुरू कराने का वादा जरूर किया है, लेकिन सरकारी काम जल्द शुरू होने की उम्मीद नहीं है. इसे बचाना बहुत अहम है. फिलहाल मंदिर को बचाने के लिए हिंदू और मुसलमान दोनों ही मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल दे रहे हैं.






[ad_2]

Source link

One thought on “उत्तराखंड: गर्जिया मंदिर को बचाने में जुटे मुसलमान, सलाउद्दीन बोले- भगवान एक है, उसके घर को बचाना सबसे बड़ा धर्म

  • Hi! Do you know if they make any plugins to assist with SEO?
    I’m trying to get my blog to rank for some targeted
    keywords but I’m not seeing very good success.
    If you know of any please share. Appreciate it! I saw similar art here:
    Blankets

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *