उत्तराखंड : कोरोना काल में साइबर क्राइम हुआ दोगुना! 3 साल में 4 गुना बढ़े मामले
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उत्तराखंड में बढ़ा साइबर क्राइम का ग्राफ.
Crime in Uttarakhand : साल 2018 के आंकड़ों से तुलना करें तो इस साल साइबर अपराध के केस लगभग चार गुना बढ़ते हुए दिख रहे हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? उत्तराखंड में साइबर क्राइम किस तरह का है और कितना फैला है?
देहरादून. कोरोना काल एक साल से ज़्यादा लंबा हो चुका है और इस दरमियान एक आंकड़ा चिंताजनक हुआ है. उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने जो डेटा जारी किया है, उसके मुताबिक राज्य में इस एक साल के दौरान साइबर क्राइम के मामलों में अच्छा खासा उछाल देखा गया है. साल दर साल आंकड़े देखे जाएं, तो यह बात साफ हो जाती है. 2019 में साइबर क्राइम संबंधी 3600 शिकायतें थीं जबकि 261 एफआईआर हुई थीं, जबकि 2020 में 6333 शिकायतें दर्ज हुईं और 420 एफआईआर. बात साफ है कि लॉकडाउन जैसे हालात के चलते साइबर अपराधियों की गतिविधियां तेज़ी से बढ़ गईं.
डेटा जारी करने वाले विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस साल मई के महीने तक एसटीएफ के पास 2860 शिकायतें आ चुकी हैं और साइबर अपराधों के मामले में करीब 350 एफआईआर फाइल की जा चुकी हैं. एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के हवाले से खबरों में कहा गया, ‘डिजिटल स्पेस के विस्तार के चलते साइबर अपराधों का बढ़ना तय है. हमें यह भी समझना चाहिए कि एक तरफ साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता बढ़ी है, तो दूसरी तरफ, ऐसे अपराधों में भी इज़ाफ़ा हुआ है.’
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न्यूज़18 कार्टून
कैसे समझे जाएं आंकड़े?
इस साल 5 महीनों के आंकड़ों को समझा जाए और इसी रफ्तार को औसत माना जाए, तो 2021 में उत्तराखंड में साइबर क्राइम के 6800 मामले सामने आ सकते हैं. एसटीएफ का यह भी अनुमान है कि इनमें से करीब 4500 मामले वित्तीय फ्रॉड के होंगे. डेटा के मुताबिक साइबर पुलिस स्टेशन को जितनी शिकायतें मिलती हैं, उनमें से 65 फीसदी से ज़्यादा वित्तीय फ्रॉड की होती हैं. पिछले कुछ सालों में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं. 2018 में करीब 1800 शिकायतें और 200 एफआईआर दर्ज हुई थीं. यानी तीन साल में करीब चार गुना केस बढ़ चुके हैं.
कैसे समझे जाएं आंकड़े?
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