उत्तराखंड

उत्तराखंड की राजधानी के पास कट गए साल के हजारों पेड़ और अफसर बेखबर!

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नैनीताल. देहरादून के विकासनगर में कथित भूमाफिया द्वारा साल के हज़ारों पेड़ बगैर आधिकारिक अनुमति से काटने का मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सचिव वन विभाग, डीएम देहरादून, डीएफओ कालसी समेत 4 प्राईवेट पार्टियों व अन्य को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा कि डीएम देहरादून, एसडीएम और डीएफओ मौके का मुआयना करने के साथ ही 17 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करें. कोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्या साल के पेड़ों की कटाई के लिए कोई अनुमति दी गई थी? अगर नहीं तो अब तक पेड़ काटने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

आपको बता दें कि इस मामले के भूमाफिया और जंगल माफिया के साथ जुड़े होने की आशंकाएं हैं क्योंकि राकेश तोमर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा कि भूमाफियाओं ने तहसील विकासनगर में साल के हज़ारों पेड़ अवैध रूप से काट दिए. जब शिकायत की गई तो डीएफओ ने सिर्फ 147 पेड़ों के कटने की बात स्वीकारी. याचिका में कहा गया कि बिल्डरों ने पेड़ काटने की शिकायत अधिकारियों से की थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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याचिका में कोर्ट से मांग की गई कि पेड़ों की कटाई को तत्काल रुकवाया जाए. यही नहीं, बल्कि जो भी साल का एक पेड़ काटे, उसे 2 पेड़ लगाने वाले नियम का पालन अनिवार्य रूप से करवाया जाए. याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि ज़मीन समतल करने भूमाफिया की मांग पर तहसीलदार ने बिना जांच किए मौके पर पेड़ न होने की रिपोर्ट तैयार की. याचिका में दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.

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