उत्तराखंड

उत्तराखंड कांग्रेस में खुलकर सामने आई कलह! हरीश रावत के ट्वीट से मचा बवाल

[ad_1]

उत्तराखंड कांग्रेस में मची रार न तो थमी है और न ही कम हुई है.

उत्तराखंड कांग्रेस में मची रार न तो थमी है और न ही कम हुई है.

Uttarakhand Congress: उत्तराखंड कांग्रेस में जारी कलह खुलकर सामने आ गई है. पूर्व सीएम हरीश रावत के ताजा ट्वीट से मामले ने और तूल पकड़ लिया है. रावत ने अपने विरोधियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो लोग बीते विधानसभा चुनावों में अपनी विधानसभा से बाहर प्रचार के लिए नहीं जा पाए, वे मुझसे 59 सीटों पर हार का हिसाब चाहते हैं.

पिथौरागढ़. उत्तराखंड कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत को ‘सूबेदार’ बनाने की मांग जिस तेजी से जोर पकड़ती है, उसी तेजी से हाईकमान सामुहिक नेतृत्व का ऐलान भी करता है. बावजूद इसके संगठन में रार थमती नहीं दिख रही है. कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत के ताजा ट्वीट से मामला और तूल पकड़ता दिख रहा है. रावत ने ट्वीट कर कहा है कि जो लोग बीते विधानसभा चुनावों में अपनी विधानसभा से बाहर प्रचार के लिए नहीं जा पाए, वे मुझसे 59 सीटों पर हार का हिसाब चाहते हैं. यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री रावत ये भी कहते हैं कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने 94 सार्वजनिक सभाएं कीं.

किच्छा में सिर्फ नामांकन के दौरान ही जा पाए, वहीं हरिद्वार ग्रामीण सीट में तो वे एक दिन भी प्रचार में नहीं गए. दोनों सीटों में हरीश रावत मुख्यमंत्री के रूप में चुनावी मौदान में उतरे थे और दोनों सीटों पर उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा था. कांग्रेस के भीतर उनके विरोधी नेता इस बात को बार-बार कहते आए हैं कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में ‘सबकी चाहत, हरीश रावत’ नारा दिया था लेकिन इस नारे की जनता ने पूरी तरह हवा निकाल दी.

सीएम रहते हुए रावत खुद तो दोनों सीटों से हारे ही, साथ ही पार्टी ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन उत्तराखंड में किया. बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 70 में से सिर्फ 11 सीटों पर ही जीत पाई थी. पूर्व सीएम हरीश रावत अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए सवाल करते हैं कि क्या कारण कारण है जो चुनावी जीत के विशेषज्ञ है, उनके चारों तरफ सीटों पर कांग्रेस 2007 से ही हार रही है?

रावत के ताजा ट्वीट से साफ है कि उत्तराखंड कांग्रेस में मची रार न तो थमी है और न ही कम हुई है. चमोली आपदा में राहत कार्यों को लेकर भी हरीश रावत, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह हरावत की पीठ थपथपा चुके हैं. माना जा रहा है कि बार-बार त्रिवेन्द्र सरकार की तारीफ करना भी हरीश रावत का कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने की रणनीति का ही हिस्सा है.






[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *