उत्तराखंड

उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अपील, बिना डर-भय के आयें उत्तराखंड

चमोली त्रासदी का रैणी से विष्णु प्रयाग तक रहा है असर

देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चमोली त्रासदी से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को डरने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चमोली त्रासदी का असर मुख्यतः रैणी से लेकर विष्णु प्रयाग तक रहा है। पूरे क्षेत्र में अन्य कहीं भी इसका कोई प्रभाव नहीं है। श्रीनगर डैम का पानी पहले ही हमने खाली करवा दिया था। हमारा यह डैम किसी भी त्रासदी से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। इसलिए मैं उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों का आह्वान करता हूँ कि अब चूंकि खतरा टल गया है, यहाँ सभी कुछ सामान्य है, इसलिए वह बिना किसी डर-भय के यहाँ आ सकते हैं।

सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होने जिस तात्कालिकता से आपदा की इस घड़ी में केंद्र से सहायता भेजकर त्रासदी को कंट्रोल करने के साथ-साथ युद्ध स्तर पर बचाव कार्य करवाये इससे एक बार फिर उनकी दूरदर्शी सोच का पता चलता है। उन्होने कहा कि विकट परिस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री की सूझ-बूझ और मानिटरिंग की वजह से आज कई लोगों की जान बच पाई है। उनके निर्देशन में ही लगातार बचाव कार्य लगातार चल रहे हैं।

सतपाल महाराज ने कहा कि वह बदरी विशाल से प्रार्थना करते हैं कि टनल में फंसे सभी लोग जल्दी से जल्दी निकलकर बाहर आ जायें। त्रासदी के चारधाम यात्रा पर पड़ने वाले किसी भी असर को खारिज करते हुए उन्होने कहा कि चारधाम यात्रा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रदेश में सभी जगह पर्यटक बिना किसी डर-भय के घूम सकते हैं।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि चमोली त्रासदी दिन के समय होने से जानमाल को बचाने में काफी मदद मिली है। केंद्र से सुरक्षा बलों के जवान और एनडीआरएफ की टीम तत्काल सक्रिय हुई, जिससे लोगों को बचाने में बड़ी मदद मिली। इसमें मौसम ने भी मदद की और त्रासदी के बाद बारिश या और बर्फबारी नहीं हुई। अगर यही त्रासदी रात के समय हुई होती तो स्थिति बहुत गंभीर होती जैसा कि केदारनाथ त्रासदी के समय हुआ था।

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