उत्तराखंड: आंगनबाड़ी और आशाओं को मिलिगी कोरोना महामारी में बड़ी जिम्मेदारी
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बीते मंगलवार को देहरादून 1200 से अधिक कोरोना से संक्रमित लोग आए थे. (सांकेतिक फोटो)
कोविड काल में भी आशा कार्यकर्ताओं ने गली- गली और मोहल्लों में जाकर हर घर से कोरोना महामारी में सिम्टम्स (Symptoms) का सर्वे कर डाटा एकत्र किया था.
इसको देखते हुए एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर में इनकी मदद ली जा रही है. वहीं, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एक बार फिर से राजधानी में एक व्यापक सर्वे के लिए आशा कार्यकर्ताओं को ड्यूटी पर लगाया जा रहा है. गली- गली मोहल्ले- मोहल्ले जाकर आशा कार्यकर्ता खांसी, जुकाम, नजला या सांस में आ रही समस्या के दृष्टिगत पीड़ितों का डाटा एकत्र करेगी. इस डाटा को स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करते हुए इलाकेवार जानकारी एकत्र होगी. ये एक प्रकार से व्यापक जन सर्वे होगा. जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जाएगा. साथ ही जो भी व्यक्ति इन सभी बीमारियों से लम्बे समय से जूझ रहा होगा, उसको तुरन्त इलाज दे कर उसका कोरोना संक्रमण के टैस्ट करवाया जाएगा. जिससे कि संक्रमित व्यक्ति से अन्य लोगों में कोरोना न फैले ओर इसकी चेन को भी इनके साथ तोड़ा जाएगा.
कार्यकर्ताओं से मदद ली जा रही है
आपको बतादे बीते मंगलवार को देहरादून 1200 से अधिक कोरोना से संक्रमित लोग आए थे. ओर ये अकड़ा बीते कुछ दिनों में लगातार बढ़ रहा है, जिसपर कंट्रोल करने के लिए अब आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मदद ली जा रही है.
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