इस खास पकवान के लिए मशहूर है कुमाऊंनी होली, ये है वजह
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कुमाऊंनी होली: रंगों के पर्व में आलू के गटकों और भांग की चटनी का तडक़ा
होली के मौके पर कुमाऊंनी में रंगों के साथ आलू के गटके फेमस हैं. इसे होली विशेष मौके पर भांग की चटनी के साथ परोसा जाता है. इसमें पहाड़ी लाल मिर्च का तडक़ा इसे और खास बना देता है.
कुमाऊं में शायद ही कोई ऐसी होली हो जहां होल्यारों के लिए आलू के गुटके न बनते हों, लेकिन जनाब ये गुटके कुछ हट कर भी हैं. होली आयोजकों द्वारा इन्हें इतने जतन से बनाया जाता है कि खाने वाले अंगुलियां चाटते रहते हैं. लोहे की कढ़ाई में पहाड़ी मसालों से बने आलू के गुटके हर किसी के मुंह में पानी ला देते हैं. फिर वो होली महिलाओं की हो या फिर पुरूषों की. सभी होल्यारों का पसंदीता पकवान आलू के गुटके ही हैं.
होली आयोजक हेमा उप्रेती कहती हैं कि आलू के गुटकों के बिना कुमाऊंनी होली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. होली में आलू के गुटकों पर चार चांद लगाती हैं भांग की चटनी. पहाड़ी लाल मिर्च से बनने वाली भांग की चटनी भी खासे जतन से तैयार की जाती है. भूनी भांग में नींबू, लाल मिर्च, जीरा और हरा धनिया मिला हो तो कहना ही क्या. बस होली के गीत गाते रहिए और भांग की चटनी के साथ आलू के गुटके खाते रहिए. कुमाऊंनी होली में आलू के गुटकों का ये तडक़ा हफ्ते भर जारी रहता है. महिला होत्यार रेखा कहती हैं कि आलू के गुटकों को खास बनाने की लिए खास तैयारी भी जाती है. भांग को कुछ इस तरह भूना जाता है कि उसका स्वाद कम न हो, साथ ही लाल मिर्च जीरा उसको और लजीज बनाता है.
बदलते वक्त के साथ कुमाऊंनी होली में काफी कुछ बदला है, लेकिन नहीं बदला तो आलू के गुटके और भांग की चटनी का स्वाद. जिसका मजा होल्यार सदियों से बदस्तूर लिए जा रहे हैं. आने वाले दौर में भी यही उम्मीद है कि कुमाऊंनी होली के प्रतीक पकवानों का स्वाद होल्यार यूं ही लेते रहेंगे.
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