इसलिए मैं बन गया CM, तीरथ सिंह रावत ने खोले राज, कहा- भव्य रूप में होगा हरिद्वार कुंभ
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नवभारत टाइम्स से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने ‘अचानक आप मुख्यमंत्री कैसे बन गए?’ सवाल पर बताया कि पार्टी ने मेरा जहां उपयोग चाहा, मुझे वहां लगा दिया. पार्टी की मंशा के अनुरूप मैं काम करता रहा. मुझे इस पद पर भेजे जाने की कहीं कोई संभावना नहीं थी. मैं स्वयं इससे अंतिम समय तक बेखबर था कि मेरा भी नाम हो सकता है. केंद्रीय नेतृत्व की कोई नजर मुझ पर रही होगी. उसने मुझ पर विश्वास जताकर मेरे नाम को आगे बढ़ा दिया.
हम लोगों की अपेक्षाओं पर पूरे खरे उतरेंगे- रावत
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य में बीजेपी पिछले चार सालों से सरकार में है. आज भी वही है. मैं मुख्यमंत्री बना और चार नए मंत्री बने. इस पर यह कहना कि परिवर्तन हो गया, ठीक नहीं है. जहां तक अपेक्षाओं का सवाल है तो हम जनता की अपेक्षाओं पर पूरे खरे उतरेंगे. केंद्र ने जो काम यहां के लिए शुरू किए, चाहे वह आजाद भारत में पहली बार पहाड़ पर रेल चलाने का काम हो या तीर्थों तक सड़कों को बढ़िया बनाने का काम या उज्जवला के तहत गरीब घरों को नि:शुल्क गैस देने का काम या राज्य सरकार द्वारा किसानों और युवाओं को बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराने का काम, ये सब काम लगातार आगे बढ़ रहे हैं. ये सब यहां के निवासियों को लाभ पहुंचाने वाले काम हैं. राज्य के तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ाकर हम इससे लोगों को जोड़ने का काम करेंगे, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिले और हमको इसकी सराहना मिले. हम यहां के चहुंमुखी विकास के लिए समर्पित हैं.हरिद्वार कुंभ भव्य और दिव्य होगा – सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा – मैंने तय किया कि हरिद्वार कुंभ भव्य और दिव्य रूप से आयोजित हो. इसके लिए मैंने कई नए अधिकारी व्यवस्था के लिए वहां भेजे. कमिश्नर गढ़वाल को एक महीने वहीं कुंभ व्यवस्था में लगने को कहा. कुंभ 12 साल में एक बार आता है. इसके लिए सालों से लोग प्लान बनाते हैं कि इस बार तो जरूर नहाना है. उनकी भावनाओं को मैं कैसे रोक सकता था. मैंने कह दिया कि केंद्र की एसओपी का पालन कराकर मेले को भी आयोजित कराओ. इसमें किसी को रोकना नहीं है, आने देना है. यह मैंने सख्त लहजे में पुलिस समेत तमाम अधिकारियों से कह दिया है. मास्क लगाओ और सैनिटाइज करते रहो. इसका भी पालन आने वालों से करवाना है. इसके लिए जगह-जगह मास्क और सैनिटाइजर रखने की व्यवस्था बनाई जाएगी.
मोदी का वाक्य सर्वोपरि- रावत
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा- मैंने निर्णय लिए जरूर हैं, पलटे नहीं. हमारे यहां सिस्टम अलग है। हम पद पर जरूर हैं, लेकिन हमारे यहां सामूहिक रूप से निर्णय लेने की परंपरा है. जनता के लिए हैं, जनता के लिए आए हैं, जनता के लिए कुछ करना है. सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास, जो मोदी जी ने कहा, वही हमारा आधार वाक्य है. इसलिए सबको साथ लेकर चलने की हमारी कोशिश है. मैंने लोगों के हित और उनकी अपेक्षा के अनुरूप निर्णय लिए हैं.
हमारी कोशिश- पहाड़ पर आएंगे उद्योग और देंगे रोजगार
रावत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि यहां उद्योग आएंगे और यहीं लोगों को रोजगार देंगे. क्योंकि, अभी तक पहाड़ में सड़क मार्ग से बड़ी मशीनें और अन्य साजो-सामान ले जाना असंभव था, लेकिन चारधाम यात्रा मार्ग के बनने से यह संभव हो जाएगा. कृषि उद्यान, बागवानी को बढ़ावा देकर हम पलायन रोकेंगे.
परियोजना की वजह से नहीं आई कोई आपदा
किसी परियोजना से यह आपदा आई हो, ऐसा बिलकुल नहीं है. आपदा के आने का पूर्वाभास हो सके, इसके लिए सिस्टम बनाने का प्रयास रहेगा. जहां तक आपदा की बात है, जब यहां कोई परियोजना नहीं थी, आपदा तब भी आती थी. बिरही गंगा की आपदा इसका उदाहरण है.
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