इंसाफ मांगने थाने गई महिला तो SHO ने उस ही दर्ज किया केस, अब हाईकोर्ट ने दिया यह आदेश
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उत्तराखंड के हरिद्वार के झबरेड़ा में महिला की पैतृक संपत्ति में रिश्तेदारों द्वारा कब्जा करने व पुलिस द्वारा गैरजिम्मेदार रवैये पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है
Uttarakhand News: हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस आर एस चौहान व जस्टिस आलोक बर्मा की कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार से इस मामले की जांच व्यक्तिगत रुप से करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें. साथ ही कोर्ट ने झबरेड़ा थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ याचिकाकर्ता महिला व उसके पति को सुरक्षा देने का भी कोर्ट ने आदेश दिया है. कोर्ट ने एसएसपी को निर्देश दिया है कि वो 12 मार्च तक जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें कोर्ट इस मामले पर 15 मार्च को सुनवाई करेगा.
जानें क्या था मामला
दरअसल, झबरेड़ा के भक्तो वालिया की महिला सुनीता ने हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की थी अपनी याचिका में सुनीता ने कहा कि वो तीन बहनें हैं और उसके पिता ने अपनी सम्पत्ति तीनों बहनों में बांट दी थी. याचिका में कहा है कि पिता के निधन के बाद उनके रिश्तेदारों ने उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की है और विरोध करने पर वो जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.याचिका में कहा गया है कि जब इसकी शिकायत झबरेड़ा थाने में की गई तो थानाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई के बजाए उन पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया. अब हाईकोर्ट मामला पहुंचा तो कोर्ट ने पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए एसएसपी को निर्देश दिये हैं. हालांकि कोर्ट के इस आदेश के बाद अब एसएसपी हरिद्वार को 12 मार्च तक जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी.
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